अफवाहें हंसने के लिए होती हैं- सोनाक्षी सिन्हा

सोनाक्षी सिन्हा की ब्लॉकबस्टर सफलता का सीक्रेट जानने की रघुवेन्द्र सिंह ने कोशिश की
'रामायण' कभी केवल शत्रुघ्न सिन्हा का पता हुआ करता था. इस बंगले का नाम लेते ही लोग आपको उनके घर तक पहुंचा देते थे. मगर वक्त के साथ दो चीजें परिवर्तित हो चुकी हैं. पहली- अब बंगले के स्थान पर एक सात मंजिला आलीशान इमारत खड़ी हो चुकी है और दूसरी- अब इसमें केवल एक नहीं, बल्कि दो स्टार रहते हैं. जुहू स्थित 'रामायण' वर्तमान की लोकप्रिय अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा का भी पता बन चुका है.
शत्रुघ्न सिन्हा ने अपने बेटे लव, कुश और बेटी सोनाक्षी सिन्हा को एक-एक फ्लोर दे दिया है, जिसकी आंतरिक साज-सज्जा आजकल वे स्वेच्छा से करने में जुटे हैं. लिफ्ट के जरिए हम सातवें फ्लोर पर पहुंचते हैं, तो सोनाक्षी की करीबी दोस्त और मैनेजर भक्ति हमारा स्वागत करती हैं. कुछ ही पल के बाद सोनाक्षी हाजिर होती हैं और फिल्मफेयर हिंदी की तरक्की के बारे में चर्चा करती हैं. आपको याद दिला दें कि दबंग गर्ल और अब राउड़ी गर्ल सोनाक्षी सिन्हा फिल्मफेयर हिंदी की पहली कवर गर्ल थीं. अनौपचारिक बातचीत के बाद हमने सवाल पूछना आरंभ किया, तो सोनाक्षी ने सबका जवाब अपनी खिलखिलाती हंसी के साथ दे डाला...

आप जिन फिल्मों का चुनाव करती हैं, वो ब्लॉकबस्टर साबित होती हैं. इसका राज क्या है?
कुछ सीक्रेट नहीं है. आप तो इनकी सफलता का सारा क्रेडिट मुझे ही दे दे रहे हैं (हा-हा-हा). ऐसा नहीं है कि दबंग और राउड़ी राठौड़ सिर्फ मेरी वजह से हिट हुई हैं. मैं अपने आप को बहुत खुशनसीब मानती हूं कि मैं इनका हिस्सा बन सकी. एक दर्शक के तौर पर मैं जैसी फिल्में देखना पसंद करती हूं, वैसी ही फिल्मों का चुनाव मैं काम करने के लिए करती हूं. जब मैंने इन फिल्मों की स्क्रिप्ट पढ़ी, तो मुझे पसंद आईं और मैंने कर लीं. मैंने परवाह नहीं की कि बॉक्स-ऑफिस पर इनका क्या होगा. दबंग ब्लॉकबस्टर हो गई, तो राउड़ी राठौड़ पर हिट होने का प्रेशर आ गया. इसका सफल होना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है. मैं इनकी सफलता का क्रेडिट अकेले नहीं ले सकती. यह सबकी डायरेक्टर, को-स्टार, तकनीशियन की मेहनत का नतीजा है, जो ये फिल्में व्यापक स्तर पर दर्शकों को छू गईं.

क्या आप फिल्मकारों के लिए खुद को लकी मानती हैं?
मुझे नहीं पता कि मैं लकी हूं या नहीं. ऐसे टैग हमें मीडिया दे देती है. मेरी दो फिल्में चल गईं, तो मैं लकी हूं और ईश्वर न करें कि कल मेरी कोई फिल्म नहीं चली, तो लकी का टैग मुझसे छीन लिया जाएगा. इसलिए मैं इन चीजों की ओर ध्यान नहीं देती. मैं केवल अपना काम करती हूं.

यानी आप इस चीज के लिए मानसिक रुप से तैयार हैं कि कल यह टैग जा भी सकता है?
हां, क्यों नहीं? इस दुनिया में कुछ भी स्थायी नहीं है. उतार-चढ़ाव सबके जीवन में आते हैं. अच्छे-अच्छों के साथ ऐसा हुआ है.

आप मानती हैं कि शोहरत अस्थायी होती है?
बिल्कुल. सब अपने-अपने टाइम की बात होती है. किसी का टाइम अच्छा चल रहा है, तो चल रहा है. कल अच्छा समय नहीं रहा, तो उसके बाद और अच्छा टाइम आएगा.

आपको देखकर बहुत अपनापन लगता है. इस छवि के उलट भी क्या आपका कोई पहलू है, जिसे हम नहीं जानते हैं?
नहीं, मैं जैसी हूं, वैसी सबको दिखती हूं. आप जैसा मुझे देख रहे हैं, मैं हमेशा वैसी ही रहती हूं. दिल में जो है, वो बोल देती हूं. सबके साथ अच्छे से रहती हूं. मैं कैट फाइट नहीं करती हूं. अपने बारे में कैट फाइट की बातें पढ़-पढक़र मैं थक गई हूं. किसी से भी आप इस बारे में पूछेंगे, तो वो हंसेंगे, क्योंकि मैं ऐसी हूं ही नहीं. मैं अपना काम खत्म करती हूं, घर आती हूं और सबके साथ खुशी-खुशी रहती हूं.

ये बातें सुनकर लगता है कि आपको अपने प्लस पॉइंट्स पता हैं.
मुझे अपने प्लस और निगेटिव दोनों पहलू पता हैं और जो मेरे प्लस पॉइंट्स हैं, उसी पर मैं ध्यान देती हूं. मेरी स्क्रीन प्रजेंस अच्छी है, डायलॉग डेलीवरी अच्छी है, वह शायद पापा पर गई है. हिंदी भाषा पर मेरी पकड़ अच्छी है, कॉन्फिडेंस है और वह भी पापा से ही मुझे मिला है. ये मेरे प्लस पॉइंट्स हैं. माइनस पॉइंट्स मेरे हिसाब से है कि मैं इंपल्सिव हूं. मैं जल्दबाजी कभी-कभी करती हूं. मैं कभी-कभार अपना आपा खो देती हूं. मगर मैं अपने निगेटिव पॉइंट्स की ओर ध्यान नहीं देती.

आपके माइनस पॉइंट्स हमें कभी देखने को नहीं मिलते हैं?
और शायद आपको कभी देखने को मिले भी नहीं, क्योंकि ऐसा बहुत कम होता है. अपनी कमजोरियों पर मेरा कंट्रोल रहता है.

आपको क्या बातें नाराज कर देती हैं या अगर कोई आपके साथ बात कर रहा है, तो उसे क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
बहुत कम चीजें हैं, जो आजकल मुझे नाराज करती हैं, क्योंकि इंडस्ट्री में रहकर आपको इसकी आदत हो जाती है. आप रोज सुबह उठते हैं और कुछ न कुछ अपने बारे में न्यूजपेपर में पढ़ते हैं. यहां ऐसे लोग हैं, जो आपको जानते भी नहीं हैं, वो आपके बारे में कुछ भी लिख सकते हैं. हमें इसकी आदत पड़ जाती है. हां, मेरे काम, प्रोफेशनलिज्म की तारीफ हो, तो मुझे खुशी होती है.

एक्टर्स हमेशा चापलूसों से घिरे रहते हैं. ऐसी स्थिति में उनके लिए जेनुइन और झूठी प्रशंसा के बीच फर्क करना बहुत मुश्किल होता है. आप कैसे करती हैं?
मैं समझ जाती हूं कि कौन मेरी झूठी तारीफ कर रहा है. पता नहीं कुछ लोग कैसे नहीं समझ पाते. मेरे अगल-बगल ऐसे लोग हैं, जिन्हें मैं सालों से जानती हूं. मेरे स्कूल और कॉलेज के दोस्त हैं, फैमिली है. मैं जानती हूं कि ये लोग मेरी झूठी तारीफ नहीं करेंगे. अगर मुझमें कोई खामी है, तो ये खुलकर अच्छे तरीके से बता देंगे.

ग्रामीण लड़कियों की भूमिकाएं निभाते हुए आप उनके प्रति लगाव महसूस करती हैं. क्या आपको लगता है कि ग्रामीण लड़कियों को किसी चीज की कमी है?
ऐसी कोई बात नहीं है. गांव की लड़कियां शहर की लड़कियों की बराबरी कर रही हैं. औरत में जो शक्ति होती है, वो किसी मर्द में नहीं होती. जब मैं कोई किरदार निभा रही होती हूं, तो मेरे दिमाग में ये बातें नहीं आतीं. यह मेरा काम है और मैं उसे कर रही हूं. सेट के माहौल में ये सब बहुत कम सोचने को मिलता है. अगर कुछ दूसरा सेटअप हो, कोई प्रोग्राम हो, जिसमें मुझे डिटेल में रिचर्स करने को मिले, अनुभव करने को मिले, तो शायद मैं सोच पाऊं.

क्या हम आपको किसी ऐसी भूमिका में देखेंगे, जो हीरोइन होते हुए भी फिल्म की हीरो हो?
बिल्कुल, क्यों नहीं? अभी तो मेरी तीसरी फिल्म रिलीज हुई है. आगे जाकर बहुत सारे ऐसे रोल आएंगे, जो हीरोइन के कंधे पर होंगे. मैं ऐसी फिल्म करना चाहूंगी. लुटेरा शायद एक ऐसी फिल्म है, जिसमें लडक़ी का रोल लडक़े के बराबर है. वह शुरुआत होगी.

कई फिल्मों में हीरोइन की भूमिका ना के बराबर होती है. मीडिया में उसकी आलोचना भी होती है. आप फिल्में साइन करते समय इन बातों पर गौर करती हैं?
मैं ऐसा नहीं सोचती हूं. मैं स्क्रिप्ट पढ़ती हूं, तो देखती हूं कि यह फिल्म मुझे दर्शक के तौर पर पसंद आएगी, इसलिए मैं फिल्म करती हूं. रोल छोटा हो या बड़ा, वह काम तो है. अगर मैं वह काम नहीं करुंगी, तो कोई और उसे कर लेगा. अगर उस कैरेक्टर की जरुरत नहीं होती, तो वह फिल्म में होता ही नहीं. मैं नहीं समझ पाती कि मीडिया क्यों ऐसे सोचता है कि अरे, उसके छह डायलॉग थे, सीन कम था. ऐसे नहीं होता. फिल्म का हिस्सा होना अपने आप में अच्छी बात है.


अभिनेत्री होने का एक पहलू यह है कि आपके अफेयर की चर्चा चलती रहती है. जैसे आजकल आपके और रणवीर सिंह के नाम की चर्चा है. इन पर आप कितना ध्यान देती हैं और आप कैसे हैंडल करती हैं इन्हें?
अफवाहें हंसने के लिए होती हैं. मैं हंसकर भूला देती हूं. इन पर जितनी कम प्रतिक्रिया दी जाए, उतना अच्छा होता है. अगर आप रिएक्ट करेंगे, तो कोई और कुछ बोलेगा और फिर वह टेनिस बॉल की तरह हो जाएगा. चुप रहना बेहतर होता है.

इन चीजों से क्या पर्सनल लाइफ प्रभावित होती है?
बिल्कुल नहीं. लोगों को लगता है कि अफवाहों से हमारी निजी लाइफ पर असर पड़ता है. ऐसी भी अफवाह आ जाती है कि मेरे पैरेंट्स अपसेट हैं. जबकि किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता. डैड पैंतीस साल से इंडस्ट्री में हैं. उन्हें पता है कि लोग क्या और कैसे लिखते हैं. वे बहुत सारे जर्नलिस्ट्स को जानते हैं. उनको ऐसी बातें पेपर या मैगजीन में पढक़र नहीं पता चलने वाली हैं. वे मुझे यानी अपनी बेटी को अच्छी तरह जानते हैं. 

इंडस्ट्री की लव स्टोरीज सच होती हैं, लेकिन फिर भी स्टार्स छुपाते रहते हैं. जैसे रितेश-जेनिलिया ने नौ साल तक ना-ना कहा और अचानक शादी कर ली. सेलीब्रिटीज प्यार की बात को छुपाते क्यों हैं?
मुझे नहीं पता. सबकी पर्सनल च्वॉइस होती है. अगर आप एक्टर हैं, तो आपका जीवन ऐसे ही पब्लिक के बीच रहता है, लोग आपको देखते हैं, बातें करते हैं. तो ऐसे में आप अपने जीवन की कुछ बातें छुपाकर रख सकते हैं, तो अच्छी बात है.

क्या यह सच है कि स्टार के जीवन का सच हम या दुनिया के लोग कभी नहीं जान पाते?यह स्टार पर निर्भर करता है. अगर कोई स्टार है, जो सब कुछ शेयर करता है, फिर नहीं. शायद हां, कभी नहीं जान पाते.

आपकी ऑन स्क्रीन केमिस्ट्री सलमान खान, अक्षय कुमार और अजय देवगन के साथ जमती है. क्या पर्सनल लाइफ में भी आप ऐसे ही मेच्योर पुरुष को जगह देंगी?
देखते हैं. इतने मेच्योर... पता नहीं... हा-हा-हा. आपके इस सवाल ने मुझे लाजवाब कर दिया. बिल्कुल नहीं. मैं अपनी उम्र के किसी लडक़े को जगह दूंगी... हा-हा-हा. लेट्स सी... हा-हा-हा. मेरे ऑन स्क्रीन रोमांस का मेरे पर्सनल टेस्ट से कोई लेना-देना नहीं है... हा-हा-हा.

हो सकता है कि आपके डैड शत्रुघ्न सिन्हा की स्ट्रान्ग इमेज से आपके हमउम्र लडक़े आपके पास आने से डरते हों?
अभी उनको मौका ही कहां मिलता है. मैं बाहर नहीं जाती हूं, पार्टी नहीं करती हूं. मैं अपने दोस्तों के साथ रहती हूं. काम करती हूं. अभी तक ऐसा मौका किसी को मिला नहीं है. मगर ऐसा नहीं है कि मैं प्यार को अपने जीवन में आने से रोक रही हूं. हो जाए प्यार तो, ठीक है. प्यार जब होना होगा, अपने समय पर ही होगा.

मतलब अभी तक आपको प्यार हुआ ही नहीं है?
ऐसा नहीं है कि मुझे कभी प्यार नहीं हुआ. प्यार हुआ है, लेकिन अभी नहीं है.

शत्रुघ्न सिन्हा अभी अस्पताल में थे और आप लगातार शूटिंग कर रही थीं. आपके लिए यह बहुत मुश्किल वक्त रहा होगा?
जी थोड़ा-बहुत मुश्किल रहा. डैड हमेशा मेरी पहली प्राथमिकता रहते हैं. मैं हर दिन उनके साथ अस्पताल में रहती थी. या तो शूटिंग के पहले या शूटिंग पूरा करने के बाद. शूटिंग के बीच में भी समय मिल गया, तो उनके पास जाकर बैठती थी. अभी वो ठीक हैं.

बच्चन परिवार उनसे मिलने के लिए अस्पताल पहुंचा था. क्या अब दोनों परिवारों के बीच में सब अच्छा है?
जहां तक हमारी बात है, तो हां. हमारे संबंध हमेशा अच्छे रहे हैं. जया (बच्चन) आंटी हमेशा मुझसे अच्छी तरह पेश आई हैं. जब वे अस्पताल में आए थे, तो मैं वहां पर थी. वो लोग डैड से मिले. दोनों परिवारों के बीच सब अच्छा है.

अभिनय की तरह राजनीति भी आपके घर में रही है, तो उस ओर आपकी कभी दिलचस्पी नहीं हुई?
नहीं, सबका अपना-अपना इंट्रेस्ट होता है. मेरी रुचि राजनीति में नहीं है. मैं एक्टिंग में खुश हूं. मैं राजनैतिक मुद्दों के बारे में ज्यादा नहीं सोचती हूं. रोज की बातचीत में थोड़ी-बहुत जानकारी मिलती रहती है. पापा बताते रहते हैं.


अपने डैड को आप पर्दे पर मिस करती हैं?
नहीं, क्योंकि बचपन में भी मैंने उनकी कम फिल्में ही देखी हैं. मैंने उन्हें रोज घर में पापा के रुप में देखा है. मैंने उन्हें कभी एक्टर की तौर पर नहीं देखा है. मैं घर में रोज उनसे बात करती हूं. ऐसी कमी महसूस नहीं होती. हां, उन्हें स्क्रीन पर देखते हैं, तो गर्व महसूस होता है, क्योंकि वो इतने अच्छे कलाकार हैं.

आपने कहा है कि आप इंटीमेट सीन नहीं करेंगी. मगर माना जाता है कि अगर अभिनेत्रियां ऐसे दायरे बनाती हैं, तो उनका करियर छोटा हो जाता है.
देखते हैं कि आगे जाकर क्या होता है. अभी मुझे इसकी परवाह नहीं है, क्योंकि मैं काफी फिल्में कर रही हूं, जिनमें इनकी जरुरत नहीं है. अगर इसकी वजह से मेरा करियर छोटा हो जाएगा, तो हो जाए. देखेंगे. (हा-हा-हा). हम क्या कर सकते हैं.

करीना कपूर ने एक इंटरव्यू में कहा था कि बीइंग फैट इज नॉट सेक्सी. फैट इज आउट. उन्होंने कहा कि हर लडक़ी स्लिम फीगर चाहती है. आप क्या कहना चाहेंगी?
सबका अपना अलग-अलग टेस्ट होता है. इस तरह जनरलाइज नहीं करना चाहिए. काफी लोग हैं, जो ऐसे ही खुश हैं. 'फैट बिल्कुल सेक्सी नहीं है, हां, फिट जरुर सेक्सी हैÓ, उन्होंने ये कहा था. और वे बिल्कुल सही हैं. मैं मानती हूं कि सुंदरता देखने वाले की आंखों में होती है. अगर आप बोल रहे हैं कि आपको कोई सुंदर नहीं लगा, तो ठीक है. सबकी अपनी-अपनी राय होती है.

फराह खान आपको शाहरुख खान के साथ एक फिल्म में साइन करना चाहती हैं. क्या आपसे उन्होंने संपर्क किया है?
उन्होंने आपसे कहा है (हा-हा-हा). मैंने भी रिपोर्ट्स पढ़ी हैं. उन्होंने अभी तक मुझसे संपर्क नहीं किया है. जब तक फराह से आपकी या मेरी बात न हो, हमें कुछ नहीं कहना चाहिए. जोकर फिल्म में मैंने उनके साथ एक कोरियोग्राफर के तौर पर काम किया है और उनके निर्देशन में जरुर काम करना चाहूंगी. वह बहुत अच्छी निर्देशक हैं.

आपके भाई लव और कुश ने फिल्मों में करियर बनाने की कोशिश की, लेकिन आप उनसे आगे निकल गई हैं. वे इसे कैसे लेते हैं?
उन्हें अपनी बहन पर गर्व है. हमारे बीच ऐसी कोई बात नहीं है. डैड ने हमारी परवरिश एक समान की है. हमारे बीच कभी भेद-भाव नहीं किया उन्होंने. मुझे भी कहा गया था कि तुम जो भी करना चाहती हो, करो, हम तुम्हें सपोर्ट करेंगे.

आप अपने भाई की फिल्म में काम करने जा रही हैं. इसका स्पष्टीकरण तो दे सकती हैं, क्योंकि यह आपके घर की बात है?
हां, यह मेरे घर की बात है, लेकिन यह अभी बहुत दूर की बात है. अभी मैं काफी कमिटमेंट्स में बंधी हुई हूं. स्क्रिप्ट का सेशन अभी शुरु होगा. अगर ऐसा कोई मौका मिलेगा, तो मैं जरुर काम करना चाहूंगी.

अक्षय कुमार के साथ आप लगातार फिल्में कर रही हैं. कुछ लोगों का कहना है कि वे आपको अपनी फिल्मों के लिए रिकमेंड कर रहे हैं?
अगर आप एक एक्टर के साथ काम कर रहे हैं, तो लोग वह जोड़ी, केमिस्ट्री, काम करने का तरीका देखकर साइन करते हैं. हम कभी सेट पर देर से नहीं आते हैं. समय पर हमारा काम खत्म हो जाता है. निर्माता को कभी हमसे कोई दिक्कत नहीं होती है. ये सब बातें भी इंडस्ट्री में जाती हैं, इसलिए लोग आपको बार-बार साथ साइन करना चाहते हैं. मुझे नहीं पता कि अक्षय का मुझे रिकमेंड करने वाली बातें सच हैं या नहीं.

अभी आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं?
अभी अच्छा काम चल रहा है. इस साल मेरी वंस अपॉन अ टाइम इन मुंबई 2, लुटेरा, दो-तीन और प्रोजेक्ट्स हैं, जो अभी पाइप लाइन में हैं. अगले दो साल के लिए मैं सेट हूं. उसके आगे का अभी मैं नहीं सोच रही हूं. जितना काम है, उसे पहले खत्म करुंगी.

 साभार : FILMFARE

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