दरअसल : तनु वेड्स मनु रिटर्न्स की शूटिंग


-अजय ब्रह्मात्मज
    कुछ सालों पहले तक निर्माता और निर्देशक अपनी फिल्मों की शूटिंग पर बुलाते थे। फुर्सत से बातें होती थीं। हम फिल्म निर्माण की प्रक्रिया की दिक्कतों से परिचित होते थे। कलाकारों और तकनीकी टीम के लोगों से भी बातचाीत और निरीक्षण में अनेक जानकारियां मिलती थीं। इधर कुछ सालों से यह सिलसिला बंद हो गया है। अब निर्माता नहीं बुलाते। उन्हें डर रहता है कि फिल्म का लुक बाहर आ जाएगा। समय से पहले जानकारियां दर्शकों के बीच पहुंच गईं तो फिल्म का नुकसान होगा। सच कहूं तो यह निर्माता और और निर्देशकों का वहम है। जानकारियां पहले मिलें तो दर्शकों की जिज्ञासा और उत्सुकता बढ़ती है। वे अपना मन बनाते हैं। अभी मीडिया के महाजाल में इंस्टैंट पब्लिसिटी का दौर चल रहा है। सभी चाहते हैं कि छोटी से छोटी बातों का भी एकमुश्त चौतरफा असर हो।
    इस पृष्ठभूमि में निर्माता कृषिका लुल्ला और निर्देशक आनंद राय ने अपनी ताजा फिल्म ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ के लिए बुला कर हिम्मत का ही काम किया। दरअसल,ऐसे मेलजोल में परस्पर विश्वास बडी चीज है। अगर आप सूंघने वाले पत्रकार हैं तो सभी आशंकित रहते हैं। लोकेशन और सेट पर ऐसी अनेक बातें होती हैं,जिन्हें तिल का ताड़ बनाया जा सकता है। ज्यादातर ऐसे मामले शूटिंग के दरम्यान होते रहते हैं। और फिर हर मोबाइल में कैमरे और रिकार्डिंग के साथ ही उसे तुरंत इंटरनेट पर डालने की सुविधा आ जाने से भी मुश्किलें बढ़ गई हैं। आखिर कितनी और किस-किस पर आप निगरानी रखेंगे।
    बहरहाल,कुछ हफ्ते पहले कूषिका लुल्ला और आनंद राय के निमंत्रण पर ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ की शूटिंग पर जाने का मौका मिला। दिल्ली से दो-ढाई घंटे की दूरी पर हरियाणा के झज्जर जिले के लोवाखुर्द गांव में शूटिंग चल रही थीं। हरियाणा के गांव के मकान और बथान थोड़े अलग किस्म के होते हें। स्थानीय मौसम और जीवनशैली के कारण यह भिन्नता नजर आती है। ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ में तनु जैसी दिख रही किरदार दत्तो उर्फ कुमारी कुसुम सांगवान है। वह हरियााणा की है और फर्राटेदार हरियाणवी बोलती है। अभी इस फिल्म का ट्रेलर आया तो कंगना रनोट की हरियाणवी पर सभी फिदा हो गए। सीक्वल में तनु के अलावा दत्तो के किरदार में भी कंगना ही हैं। शुरू में आनंद राय की कोशिश थी कि उन्हें कंगना जैसी कोई और लड़की मिल जाए। वैसी कोई लड़की नहीं मिली तो उन्होंने कंगना को ही राजी किया। ट्रेलर में आप ने गौर किया होगा कि तनु और दत्तो चेहरे से तो एक जैसी लगती हैं,लेकिन दोनों के हावभाव अलग हैं। भाषा भी अलग है। उनके मिजाज भी अलग हैं। तनु और मनु की शादी के सात साल हो चुके हैं। दोनों इस शादी में नाखुश है। खास कर तनु की अपेक्षाओं पर मनु खरे नहीं उतरते तो उसकी असंतुष्टि ज्यादा है। उधर मनू भी दांपत्य से हताश है। उसे दत्तो में नई संभावना दिखती है।
    क्लाइमेक्स के ठीक पहले के दृश्य में हरियाणा में दत्तो के गांव में सभी प्रमुख किरदार जमा हो गए हैं। तनु भी राजा अवस्थी के साथ पहुंच जाती है। इस से मनु की योजना में भंडोल हो जाता है। एक साथ सभी को उस गांव में पाकर वह घबरा जाता है। फिल्म की घटनाओं और दृश्यों को विस्तार में बताना अभी उचित नहीं होगा। आनंद राय ने विश्वसनीयता के लिए हरियाणा के वास्तविक लोकेशन पर शूट करने का फैसला किया। सभी मानते हैं कि नैचुरल लाइट और एक्चुअल लोकेशन का विकल्प नहीं होता। अगर आज की कहानी हो तो तो इन से फिल्म की रंग और छटा निराली हो जाती है। झज्जर के लोवाखुर्द गांव में ‘तनु वेड्स मनु रिटर्न्स’ की शूटिंग गांव के सरपंच के घर ही हो रही थी। सरपंच ने शूटिंग की सुविधा और कलाकारों की सुरक्षा की व्यवस्थ कर ही रखी थीं। गांव के दूसरे ग्रामीण भी हर तरह का सहयोग दे रहे थे। सबसे बड़ी बात कि वे शूटिंग में किसी प्रकार का व्यवधान नहीं डाल रहे थे। कुगना को देखने की लालसा भी वे दूर से पूरी कर रहे थे।
    और कंगना रानोट? वह तो झट से तनु और पट से दत्तो की काया में प्रवेश कर जा रही थीं। कलाकार की लगन और धैर्य की परीक्षा आउटडोर के एक्चुअल लोकेशन पर ही होती है। कंगना के समर्पण से स्पष्ट था कि वह हर परीक्षा के लिए तैयार हैं। वह धैर्य से सारे सवाल हल कर रही हैं।

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