इस बार कैनवास बड़ा है - सौरभ शुक्‍ला



सौरभ शुक्‍ला
सुभाष कपूर की फिल्‍म जॉली एलएलबी2 का शहर बदल गया है। दोनों वकील बदल गए हैं,लेकिन जज वही है। जज की भूमिका में फिर से सौरभ शुक्‍ला दिखेंगे। पिछली बार इसी भूमिका के लिए उन्‍हें राष्‍ट्रीय पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया था।
-जॉली एलएलबी2 के बारे में क्‍या कहेंगे? वकील बदल गए,लेकिन आप बरकरार हैं।
0 यह दूसरे शहर की दूसरी कहानी है। फिल्‍म का विषय वही है। कानून और कोर्ट वही हैं। जज का ट्रांसफर दिल्‍ली से लखनऊ हो गया है। इसमें वकीलों की भूमिका निभा रहे कलाकारों का अलग अंदाज है। दोनों ने बहुत अच्‍छा काम किया है।
-अक्षय कुमार के अभिनय और रोल को लकर जिज्ञासा है। क्‍या आप कुछ बता सकेंगे?
0 अक्षय कुमार काफी समय से अलग प्रकार की फिल्‍में कर रहे हैं। उनकी पिछली फिल्‍मों की लिस्‍ट देख लें। उन्‍होंने कमर्शियल फार्मेट में ही सफल प्रयोग किए। उन्‍होंने पहली बार एनएसडी और थिएटर के बैकग्राउंड के सभी कलाकारों के साथ काम किया। वे प्रशिक्षित कलाकारों के साथ काफी खुश थे। मैंने पहली बार उनके साथ काम किया है। वे बहुत कामयाब स्‍टार हैं। उन्‍होंने इसका एहसास नहीं होन दिया। ने अनुशासित हैं। कभी सेट छोड़ कर नहीं जाते थे। दूसरों को क्‍यू देने के लिए खड़े रहते थे।
-अक्षय कुमार के और क्‍या गुण हैं?
0  किसी भी प्रशिक्षण से प्रतिभा नहीं आती। मैं खुद एनएसडी से नहीं हूं। अक्षय सीखते और समझते हैं। वे सीन के बारे में साचेचते हैं। अक्षय कुमार ने इस किरदार को अपना रंग दिया है। मुझे तो वे खाकी के समय से अच्‍छे लग रहे हैं। इस फिल्‍म में उन्‍होंने जॉली को अपना लिया। किरदार को आत्‍मसात करने में थिएटर जैसे ही रहे।
-इस फिल्‍म में लख्‍नऊआ रंग है। उसे सभी ने कैसे हासिल किया?
0 यह डायरेक्‍टर की उपलब्धि है। डायरेक्‍टर ही अपने किरदारों को रंग और ढंग देता है। डायरेक्‍टर का सुझाव और निर्देश ही काम आता है। मैं सुभाष कपूर को बधाई देना चाहूंगा। सुभाष की सभी फिल्‍मों में एक मुद्दा होता है। सुभाष पत्रकार रहे हैं। उनके नजरिए में उसका प्रभाव दिखता है।

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