अच्‍छाई से बड़ी कोई चीज नहीं - भूमि पेडणेकर



अच्‍छाई से बड़ी कोई चीज नहीं-भूमि पेडणेकर
-अजय ब्रह्मात्‍मज
टॉयलेट एक प्रेम कथा में भूमि पेडणेकर की बहुत तारीफ हो रही है। इस तारीफ से उनकी मां खुश हैं। भूमि के फिल्‍मों में आने के बाद से मां की ख्‍वाहिश रही कि बेटी को जया भदुड़ी,शबाना आजमी और स्मिता पाटिल की कड़ी की अभिनेत्री माना जाए। ऐसा प्‍यार मिले।
- कैसे एंज्‍वॉय कर रहे हो आप टॉयलेट एक प्रेम कथा की कामयाबी और उसमें अपने काम की तारीफ से?
0 मैं तो एकदम से सन्‍न रह गई थी। मेरी पहली फिल्‍म छोटी थी। मैंने पहली बार प्रमोशन में ऐसे हिस्‍सा लिया। बड़े पैमाने पर सब कुछ चल रहा था। समझने की कोशिश कर रही थी कि मेरे साथ क्‍या हो रहा है? अब संतोष का एहसास है। फिल्‍म और मेरा काम लोगों को पसंद आया। दूसरे हफ्ते से मैं थिएटरों में जाकर दर्शकों की प्रतिक्रियाएं देख-सुन रही हूं।
- किन दृश्‍यों में दर्शक ज्‍यादा तालियां बजा रहे हैं?
0 सेकेड हाफ में मेरा एक मोनोलॉग है। जहों दादी मो के सामने गांव की औरतों को कुछ बता रही हूं। इंटरवल सीन है। जब केशव को डेटॉल लगा रही हूं। फिल्‍म के संदेश के साथ हमारी प्रेम कहानी के दृश्‍यों को दर्शक समझ रहे हैं1 पहली बार जब खेले में शौच के लिए जाती हूं। वह दृश्‍य भी खास है। सब मिला कर खुश हूं।
-क्‍या आप के अनुभव के दायरे में जया जैसी लड़कियां रही हैं?
0 मेरे संपर्क में कोई नहीं है। मेरी मां सातवें दशक की जया थीं। उस समय लड़कियां ज्‍यादा दबाव में रहती थीं। फिर भी मां और मौसी में जबरदस्‍त जोश था। मैंने उन दोनों से प्रेरणा ली। मेरी मां अपने समय में यूथ मूवमेंट में शामिल रही थीं। अपने हकों के लिए उन्‍होंने लड़ाई की। मेरी मां और पापा के परिवारों में प्रगतिशील सोच रही है।
-लेखक और निर्देशक से क्‍या सहायता मिली?
0 मेरी अभी तक की फिल्‍में पूरे रिसर्च के बाद लिखी गई हैं। टॉयलेट एक प्रेम कथा के लेखकों के पास सारी जानकारियां थीं। सब कुछ स्क्रिप्‍ट में था। भी नारायण सिंह गोरखपुर के हें। वे इस फिल्‍म की भाषा और मिट्टी जानते हैं। मेरे लिए आसान रहा।
-क्‍या कभी खूले में शौच की मजबूरी रही?
0 बचपन में कई बार...पूना या गोवा जाते समय रोडट्रिप में ऐसा होता था। तब हाईवे पर टॉयलेट नहीं थे। एक बार चिपलूण में एक घर का दरवाजा खटखटाया था कि हमें टॉयलेट का इस्‍तेमाल करने दें। घर की महिलाएं चौंक गई थीं।
-क्‍या स्क्रिप्‍ट पढ़ते समय अंदाजा हो गया था कि जया स्‍ट्रांग किरदार है?
0बिल्‍कुल... तब मुझे पता नहीं था कि इसमें अक्षय कुमार होंगे। मरे लिए लव स्‍टोरी बहुत खूबसूरत थी।  यह तो लग गया था कि जया औरतों को प्रेरित करेगी। मेरे मन में अक्षय सर के लिए इतना आदर है। उन्‍होंने मुझे पूरा महत्‍व दिया। जया के किरदार को चमकने दिया। मुझे मौका कदया।
-तो आप को इंतजार का फल मिला...दम लगा के हईसा के बाद आप ने अच्‍छी स्क्रिप्‍ट का इंतजार किया...धैर्य बनाए रखीं?
0 अब कह सकती हूं कि हां। तब तो सभी को लग रहा था कि मैं कोई फिल्‍म क्‍यों नहीं साइन कर रही हूं। लोग कह रहे थे कि फिल्‍म कर लो। मेरा मानना है कि सही फिल्‍में होनी चाहिए। संख्‍या बढ़ाने से क्‍या फायदा? में अपने परिवार को श्रेय दूंगी। उन्‍होंने पूरा सपोर्ट किया। मेरी मां का सहयोग रहा। उन्‍होंने मुझे कहा कि मैं शुभ मंगल सावधान करूं। यशराज फिल्‍म्‍स से होने का फायदा रहा।
-अपनी उपलब्धियों से घर में भाव बढ़ता है। कई बार दफ्तर में भी बढ़ता है। आप यशराज फिल्‍म्‍स में एक कर्मचारी थीं। अभी आप अभिनेत्री हैं। आप के और दूसरे कर्मचारियां के व्‍यवहार में कोई फर्क आया है क्‍या?
0 सभी मेरे परिचित है। मेरे प्रति उनका प्रेम रहा है। उनके साथ मेरे संबंधों में बदलाव नहीं आया है। शुरू में कुछ ने हाय-हेलो करना बंद कर दिया।फिर मैंने पहल की।मैंने कभी किसी को अनदेखा नहीं किया। मैं सभी से मिलती हूं। नया रिलेशन इवॉल्‍व हो गया है। अक्षय सर के साथ काम करने के बाद समझ गई हूं कि अच्‍छाई से बड़ी कोई चीज नहीं है।आयुष्‍मान से कितना सीखा है मैंने।
-शुभ मंगल सावधान के बारे में बताएं?
0 बहुत ही अलग किरदार है सुगंधा का। दिल्‍ली में पली-बढ़ी लड़की है। उसने सुरक्षित जिंदगी जी है। अपने पति को लेकर उसके अनेक अरमान हैं। वह कंपलीट रिलेशशिप में यकीन करती है।मुझे डायरेक्‍टर प्रसन्‍ना ने समझाया कि उन्‍हें क्‍या नहीं चाहिए और क्‍या चाहिए? उन्‍होंने तमिल की अपनी फिल्‍म को ही हिंदी दर्शकों के लिए बनाया है। इस फिल्‍म के किरदार हमें अपने घरों में मिल जाएंगे। इसमें एक समस्‍या है,लेकिन वह केवल लड़के की समस्‍या नहीं है। कई बार रिश्‍ते समस्‍याओं से बड़े होते हैं। फिल्‍म में लड़ी अपने पार्टनर के साथ खड़ी मिलती है,जब उसका कंफीडेंस लो है।वह उसके साथलड़ती है। इस फिल्‍म में किरदार की अपूर्णता को सेलिब्रेट किया गया है। बहुत ही प्रोग्रेसिव फिल्‍म है।
-फिल्‍म के निर्माता आनंद राय के साथ कैसा अनुभव रहा?
0 उनके साथ बहुत मजा आया। उन्‍होंने साफ-सुथरी फिल्‍म बनाने में गाइड किया। उनके साथ काम करने का मन था। उम्‍मीद है कि जल्‍दी ही उनके निर्देशन में काम करने का मौका मिले। वे मेरे विशलिस्‍ट में थे।
-और कौन है?
0शिमित अमीन,विशाल भारद्वाज,जोया अख्‍तर,नितेश तिवारी,शकुन बत्रा,शुजीत सरकार...इतने सारे हैं। जोया के साथ एक शॅर्ट फिल्‍म कर ली है।
-अभिषेक चौबे की अगली फिल्‍म के बारे में क्‍या कहेंगी?
0उसके बारे में अभी कुछ बताना जल्‍दबाजी होगी।
-क्‍या केवल डिग्‍लैम रोल ही करने हैं?
0 नहीं,मैं टिप टिप बरसर पानी भी गाना चाहती हूं। मैं ठोस किस्‍म की भूमिकाएं करती रहूंगी। हर तरीके के किरदार चाहिए। रियल लाइफ में मैं ग्‍लैमरस लड़की हूं। आम लड़कियों की सारी खासियतें हैं मुझ में...

Comments

Popular posts from this blog

तो शुरू करें

फिल्म समीक्षा: 3 इडियट

फिल्‍म समीक्षा : आई एम कलाम