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निर्माण में आ सकते हैं नवाज

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-अजय ब्रह्मात्मज         लंबे अभ्यास और प्रयास के बाद कामयाबी मिलने पर इतराने के खतरे कम हो जाते हैं। नवाजुद्दीन सिद्दिकी के साथ ऐसा ही हुआ है। ‘सरफरोश’ से ‘किक’ तक के सफर में बारहां मान-अपमान से गुजर चुके नवाज को आखिरकार अब पहचान मिली है। इसकी शुरुआत ‘न्यूयार्क’ और कहानी से हो चुकी थी। ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ से उनकी योग्यता पर मुहर लगी और प्रतिष्ठा मिली। अभी स्थिति यह है कि उनके पास मेनस्ट्रीम फिल्मों के भी ऑफर आ रहे हैं। पिछली कामयाबी ‘किक’ के बाद भी नवाज ने तय कर रखा है कि वे साल में एक-दो ऐसी फिल्में करने के साथ अपने मिजाज की फिल्में करते रहेंगे। वे स्पष्ट कहते हैं कि इस पहचान से मेरी छोटी फिल्मों को फायदा होगा। पिछले दिनों मेरी ‘मिस लवली’ रिलीज हुई थी। उसके बारे में दर्शकों का पता ही नहीं चला। उस फिल्म में मैंने काफी मेहनत की थी।     आमिर खान और सलमान खान के साथ काम कर चुके नवाज दोनों की शैली की भिन्नता के बारे में बताते हैं,‘आमिर खान के बारे में सभी जानते हैं कि वे परफेक्शनिस्ट हैं। उनके साथ रिहर्सल और सीन पर चर्चा होती है। सलमान खान के साथ अलग अनुभव रहा। ज्यादातर स्पॉनटेनियस का

तस्‍वीरों में किक

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फिल्‍म समीक्षा : किक

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-अजय ब्रह्मात्‍मज  कुछ फिल्में समीक्षाओं के परे होती हैं। सलमान खान की इधर की फिल्में उसी श्रेणी में आती हैं। सलमान खान की लोकप्रियता का यह आलम है कि अगर कल को कोई उनकी एक हफ्ते की गतिविधियों की चुस्त एडीटिंग कर फिल्म या डाक्यूमेंट्री बना दे तो भी उनके फैन उसे देखने जाएंगे। ब्रांड सलमान को ध्यान में रख कर बनाई गई फिल्मों में सारे उपादानों के केंद्र में वही रहते हैं। साजिद नाडियाडवाला ने इसी ब्रांड से जुड़ी कहानियों, किंवदंतियो और कार्यों को फिल्म की कहानी में गुंथा है। मूल तेलुगू में 'किक' देख चुके दर्शक बता सकेगे कि हिंदी की 'किक' कितनी भिन्न है। सलमान खान ने इस 'किक' को भव्यता जरूर दी है। फिल्म में हुआ खर्च हर दृश्य में टपकता है। देवी उच्छृंखल स्वभाव का लड़का है। इन दिनों हिंदी फिल्मों के ज्यादातर नायक उच्छृंखल ही होते हैं। अत्यंत प्रतिभाशाली देवी वही काम करता है, जिसमें उसे किक मिले। इस किक के लिए वह अपनी जान भी जोखिम में डाल सकता है। एक दोस्त की शादी के लिए वह हैरतअंगेज भागदौड़ करता है। इसी भागदौड़ में उसकी मुलाकात शायना से हो जाती है। शा

ताजिंदगी 27 साल का रहूं मैं-सलमान खान

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-अजय ब्रह्मात्मज ऐसा कम होता है। जीवन के किसी भी क्षेत्र में सीनियर बाद की पीढ़ी की खुले दिल से तारीफ नहीं करते। सलमान खान इस लिहाज से भिन्न हैं। वे अपनी फिल्मों में नई प्रतिभाओं को मौका देते और दिलवाते हैं। पिछली मुलाकात में उन्होंने शुरुआत ही नए और युवा स्टारों की तारीफ से की। फिल्मों की रिलीज के समय उनके अपार्टमेंट गैलेक्सी के पास स्थित महबूब  स्टूडियो उनका दूसरा घर हो जाता है। एक अस्थायी कैंप बन जाता है। उनके सारे सहयोगी तत्पर मिलते हैं। यहीं वे मीडिया के लोगों से मिलते हैं। पिछले कुछ सालों से यही सिलसिला चल रहा है। ‘किक’ के लिए हुई इस मुलाकात में सलमान खान ने सबसे पहले अर्जुन कपूर ,आलिया भट्टऔर वरुण धवन समेत सभी नए टैलेंट की तारीफ की। उन्होंने अपने अनुभव से कहा कि वे खुले मिजाज के हैं। बातचीत और मेलजोल में किसी प्रकार का संकोच नहीं रखते। मैंने देखा है कि वे आपस में एक-दूसरे की खिंचाई भी करते हैं। खिल्ली उड़ाते हैं। मेरी पीढ़ी में केवल मैं हंसी-मजाक करता हूं। दूसरे तो सीरियस रहते हैं। अपनी पीढ़ी की बातें करते समय उन्होने जाहिर किया कि संजू यानी संजय दत्त के साथ उनकी ऐसी दोस्ती

किक का गाना जुम्‍मे की रात

हम जो कुछ नया करते हैं,वह पुराना ही होता है। अब किक का गाना 'जुममे की रात' ही देख लें। इस गाने का फील अमिताभ बच्‍चन पर फिल्‍माए लोकप्रिय गीत 'जुम्‍मा चुम्‍मा दे दे' जैसा ही है। अमिताभ बच्‍चन और सलमान खान अलग किस्‍म के डांसर और परफार्मर हैं। वह भिन्‍नता यहां दिखती है। सलमान खान अपने अंदाज में हैं। गौर करें तो वे अपनी नायिकाओं को रिझाते समय मदमस्‍त हो जाते हैं। जैक्‍लीन फर्नांडिस को सेक्‍सी रंग और ठसक ढंग से पेश किया गया है। हिमेश रेंश्‍मिया ने सलमान खान को पॉपुलर हो सकने वाले गाने की सौगात दी है। तो क्‍या आप भाई के साथ जुम्‍म्‍ो की रात बिताने के लिए तैयार हैं ?