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श्याम बेनेगल का सम्मान

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-अजय ब्रह्मात्मज थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में आयोजित 9वें आईफा अवार्ड समारोह के दौरान हिंदी फिल्मों केपुरस्कार समारोह में श्याम बेनेगल को लाइफ टाइम एचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया। दरअसल, श्याम बेनेगल का नाम फिल्म इंडस्ट्री में आज भी बहुत आदर व सम्मान से लिया जाता है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के इस अच्छे फिल्मकार के कार्य को अभी तक रेखांकित नहीं किया गया है। चूंकि उनका काम इतना महत्वपूर्ण और स्पष्ट है कि बगैर गहराई में गए ही सभी उनके नाम का उल्लेख करते रहते हैं। गौर करें, तो नामोल्लेख का भी फैशन चलता है। जैसे कि गुरुदत्त, बिमल राय, के.आसिफ जैसे महान फिल्मकारों को बिना देखे ही सिनेप्रेमी महान निर्देशक मान लेते हैं। निश्चित ही वे सभी महान हैं, लेकिन क्या हमने निजी तौर पर उनकी महानता को परखा, देखा और समझा है? आप आसपास पूछ कर देख लें। संभव है, अधिकांश ने उनकी फिल्में देखी भी न हों! ऐसे ही श्याम बेनेगल का नाम हर संदर्भ में लिया जाता है। हिंदी सिनेमा की मुख्यधारा से दरकिनार कर दिए गए विषयों, चरित्रों और स्थानों को श्याम बेनेगल ने अपनी फिल्मों में जगह दी। उन्ह

बॉक्स ऑफिस:२०.०६.२००८

मंदा ही रहा धंधा राम गोपाल वर्मा की फिल्म सरकार राज का विज्ञापन आया है कि एक हफ्ते में उसने 50 करोड़ से अधिक की कमाई कर ली है और आगे की कमाई जारी है। जब भी किसी फिल्म का ऐसा विज्ञापन आता है तो ट्रेड के लोग कहने लगते हैं कि सही कमाई का योग विज्ञापन में दी गई राशि से कम ही होगा। इस फिल्म को लेकर बच्चन परिवार और राम गोपाल वर्मा कुछ ज्यादा ही संवेदनशील और आक्रामक हैं। अमिताभ बच्चन और राम गोपाल वर्मा अपने ब्लॉग के जरिए आलोचकों को जवाब दे रहे हैं। बहरहाल, ट्रेड सर्किल में चर्चा है कि यह फिल्म मुंबई और महाराष्ट्र में औसत से बेहतर कारोबार कर लेगी, लेकिन अन्य सर्किट में वितरकों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। अन्य राज्यों से संतोषजनक रिपोर्ट नहीं आ रही है। पिछले हफ्ते रिलीज हुई मेरे बाप पहले आप और समर-2007 का बुरा हाल रहा। दोनों ही फिल्मों ने निराश किया और दर्शकों को जुटाने में उनकी असमर्थता पहले दिन से ही जाहिर होने लगी थी। विषय वस्तु की गंभीरता और जटिलता के कारण समर-2007 दर्शकों को अधिक पसंद नहीं आई। मेरे बाप पहले आप से प्रियदर्शन दर्शकों को नहीं हंसा सके। समर-2007 की तुलना में उसे ज्यादा दर्शक

अभिनेत्री करीना कपूर बनाम ब्रांड बेबो

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ताजा खबर है कि करीना कपूर ने एक साबुन के विज्ञापन के लिए करोड़ों की रकम ली है। इस तरह वह विज्ञापन से कमाई करनेवाली महंगी अभिनेत्रियों में से एक हो गई हैं। इन दिनों वह हर तरह के कंज्यूमर प्रोडक्ट के विज्ञापनों में दिख रही हैं। अभिनेत्रियों की मांग कॉस्मेटिक, पर्सनल केयर प्रोडक्ट और ज्वेलरी के विज्ञापनों में ज्यादा रहती है। करीना कपूर इस तरह के विज्ञापनों में आगे हैं। वह लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट बेचने के लिए सबसे उपयुक्त एक्ट्रेस मानी जा रही हैं। इन दिनो फिल्म अभिनेत्रियों की कमाई का बड़ा हिस्सा विज्ञापनों से आता है। पॉपुलर एक्टर की तरह पॉपुलर एक्ट्रेस भी इस कमाई पर पूरा ध्यान दे रही हैं। बाजार में करीना कपूर की मांग बढ़ने का एक कारण यह भी है कि पिछले साल उनकी फिल्म 'जब वी मेट' जबरदस्त हिट रही। उनके कुछ प्रशंसकों को लग सकता है कि शाहिद कपूर से अलग होकर उन्होंने अच्छा नहीं किया। नैतिकता के इस प्रश्न से उनके इमेज पर कोई फर्क नहीं पड़ा। उल्टा दर्शकों के बीच उनकी चाहत बढ़ गई है। हीरोइनों के सपनों में खोए दीवाने दर्शकों के लिए करीना कपूर ऐसी आइकॉन बन गयी हैं, जो किसी एक सितारे से नहीं बंध

'उत्सुशी-ए' - सिनेमा से पहले मनोरंजन की जापानी लोकशैली

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सिनेमा, फिल्म, मूवी, पिक्चर, चलचित्र ... आप इसे जो नाम दें और जिस अर्थ में समझें, मनोरंजन का सशक्त माध्यम हो गया है। सिनेमा के वजूद में आने के पहले भी तो मनोरंजन के साधन और माध्यम होंगे। हम उन्हें मनोरंजन की लोकशैली कहते हैं। भारत की बात करें तो हर क्षेत्र और प्रदेश की नाट्य एवं नृत्य शैलियां हैं। कठपुतलियों का नृत्य रहा है। छाया और प्रकाश के माध्यम से भी नागरिकों के बहलाने के प्रयास होते रहे । पश्चिमी और योरोपीय देशों में 'फैंटसमैगोरिया' का चलन रहा तो चीन और जापान में छायाचित्रों के माध्यम से गांव-कस्बों में मनोरंजन किया जाता रहा। जापान की एक ऐसी ही मनोरंजक लोकशैली 'उत्सुशी-ए' है। जापानी भाषा, संस्कृति और इतिहास के जानकार चवन्नी और उसके पाठकों की जानकारी में इजाफा कर सकते हैं। चवन्नी को इसके संबंध में जो जानकारी मिली, वह उसे बांटने के लिए तत्पर है। सिनेमा के प्रचलित होने के पहले जापान में उत्सशी-ए के शो काफी पसंद किए जाते थे। अठारहवीं सदी से लेकर उन्नीसवीं सदी के अंत तक उत्सशी-ए का बोल बाला रहा। इदो और मेइजी काल में इस शैली का विकास और विस्तार हुआ। उत्सशी-ए में छवियां