Posts

खुशी है पूरी हुई ख्‍वाहिश - विद्या बालन

Image
-स्मिता श्रीवास्तव सिल्वर स्क्रिन पर कभी शोख, कभी संजीदा नजर आई विद्या बालन ने बहुत सारे किरदारों को जीया है। इंटेस फिल्में उनकी पसंदीदा रही है। हमारी अधूरी कहानी उसी जॉनर की फिल्म है। इस फिल्म को करने के साथ महेश भट्ट के साथ काम करने की उनकी दिली तमन्ना भी पूरी हुई। इसमें वह वसुधा का किरदार निभा रहीं। फिल्म को लेकर उन्होंने साझा की बातें :  ---------------------------------- मैं महेश भट्ट और गुलजार साहब के साथ काम करने की हमेशा से ख्वाहिशमंद थी। भट्ट साहब निर्देशन से संन्यास ले चुके हैं। गुलजार साहब भी निर्देशन से दूरी बना चुके हैं। हालांकि मैंने गुलजार साहब से कई बार निर्देशन का आग्रह किया है। उनका जवाब होता है अगर फिल्म बनाई तो तुम्हारे साथ ही बनाऊंगा। मैं कहती हूं देर किस बात की बना डालिए। बहरहाल महेश भट्ट ने हमारी अधूरी कहानी की लिखी है। निर्देशन न सही उनकी लिखी कहानी पर अभिनय मौका मिला। मैंने विशेष फिल्म्स के बैनर तले बनी फिल्मों में पूर्व में काम नहीं किया था। उनकी फिल्मों और मेरी फिल्मों का मिजाज अलग रहा है। खास तौर से पिछले दस वर्षो के दौरान। कैंप से जुड़ने की कहानी दिलचस्प

भारतीय(हिंदी) सिनेमा का विदेशी परिप्रेक्ष्‍य - नीलम मलकानिया

Image
चवन्‍नी के लिए तोकियो शहर में रह रही नीलम मलकानिया ने यह विशेष लेख भेजा। देश के बाहर विदेशियों के संपर्क और समझ से उन्‍होंने भारतीय सिनेमा और विशेष कर हिंदी सिनेमा के बारे में लिीखा है। यह सच है कि भारत सरकार और हिंदी फिल्‍म इंडस्‍ट्री विदेशों में फिल्‍मों के प्रसार और प्रभाव बढ़ाने की दिशा में कोई उल्‍लेखनीय कार्य नहीं कर रही है। क्‍वालालंपुर में चल रहे आइफा अवार्ड समारोह के दौरान इस लेख की प्रासंगिकता बढ़ जाती है। यह अकादेमिक लेख नहीं है। इसे आरंभिक जानकारी के तौर पर पढ़ें। यह शोध और अकादेमिक लेख के लिए प्रेरित कर सकता है। धन्‍यवाद नीलम।   -नीलम मलकानिया               सिनेमा में भी मां है। ये संवाद हम न जाने कितनी बार अलग-अलग माध्यमों से सुन चुके हैं। भले ही हम इससे सहमत न हों और सिनेमा को इंसानी रिश्तों की उपमा दिए जाने को पूरी तरह न स्वीकार करें लेकिन यह सच है कि सिनेमा हम भारतीयों की ज़िदगी में एक ऐसी जगह ज़रूर रखता है जिसका कोई विकल्प नहीं है। चाहे बात मनोरंजन की हो या फिर इस उद्योग से जुड़ी आय की , बात हो समाज का सच दिखाते आईने की या फिर एक रूपहले संसार

फिल्‍म समीक्षा : दिल धड़कने दो

Image
स्‍टार ***1/2 साढ़े तीन स्‍टार  दरकते दिलों की दास्‍तान   -अजय ब्रह्मात्‍मज                  हाल ही में हमने आनंद राय की 'तनु वेड्स मनु रिटर्न्स' में उत्तर भारत के मध्यरवर्गीय समाज और किरदारों की कहानी देखी। जोया अख्तरर की 'दिल धड़कने दो' में दिल्ली के अमीर परिवार की कहानी है। भारत में अनेक वर्ग और समाज हैं। अच्छी बात है कि सभी समाजों की मार्मिक कहानियां आ रही हैं। अगर कहानी आम दर्शकों के आर्थिक स्तर से ऊपर के समाज की हो तो तो उसमें अधिक रुचि बनती है, क्योंकि उनके साथ अभिलाषा और लालसा भी जुड़ जाती है। कमल मेहरा के परिवार में उनकी बेटी आएशा, बेटा कबीर, बीवी नीलम और पालतू कुत्ता प्लूटो है।                  यह कहानी प्लूटो ही सुनाता है। वही सभी किरदारों से हमें मिलाता है। प्लूटो ही उनके बीच के रिश्तों की गर्माहट और तनाव की जानकारी देता है। आएशा के दोस्ते सन्नी गिल ने ही कभी प्लूाटो को गिफ्ट किया था, जो उनके प्यार की निशानी के साथ ही परिवार का सदस्य बन चुका है।                कमल और नीलम की शादी के 30 साल हो गए हैं। कमल मेहरा बाजार में गिर रही अपनी साख को बचाने

....तो काम कैसे चलेगा - अनिल कपूर

Image
दोस्‍त होना चाहिए पिता को-अनिल कपूर -अजय ब्रह्मात्‍मज           जोया अख्‍तर की फिल्‍म ‘ दिल धड़कने दो ’ में अनिल कपूर मेहरा परिवार के मुखिया कमल मेहरा की भूमिका निभा रहे हैं। उन्‍होंने अपने पूरे परिवार को सी क्रूज के लिए बुलाया है। फिल्‍म का सारा ड्रामा इसी क्रूज पर होता है। -                   -आप ने यह भूमिका क्‍यों स्‍वीकार की ? 0 क्रम से बताऊं तो डायरेक्‍टर,स्क्रिप्‍ट,रोल और पैसों की वजह से मैंने हां की। सभी चीजें अच्‍छी थीं। साथी कलाकार भी नामी और मशहूर हैं। अच्‍छी फिल्‍म है। -पैसा आज भी मानी रखता है ? 0 पैसे नहीं होंगे तो काम कैसे चलेगा ? यह पहली और आखिरी महत्‍वपूर्ण चीज है। -रोल पर कितना ध्‍यान देते हैं ? 0 मेरे करिअर में रोल हमेशा महत्‍वपूर्ण रहा है। यह रोल खास तौर पर इसलिए पसंद आया कि मैं इसमें पिता बना हूं। ‘ लमहे ’ में भी मैं पिता था,लेकिन वह थोड़ा अलग था। ‘ विरासत ’ में अमरीश पुरी ने जो रोल किया था,वह मुझे बहुत पसंद है। वे परिवार के मुखिया हैं और पूरे गांव का भी खयाल रखते हैं। उसकी थोड़ी झलक सेकेंड हाफ में है। कुछ वैसे ह

पूर्वाग्रह तोड़ने निकली हूं - प्रियंका चोपड़ा

Image
-अजय ब्रह्मात्‍मज     अगर आप प्रियंका चोपड़ा के ट्विटर हैंडल के 98 लाख 26 हजार 796 फॉलोअर्स में से एक हैं तो आप का बताने की जरूरत नहीं है कि वह इन दिनों कितनी व्‍यस्‍त चल रही हैं।  देश में अहमदाबाद,चंडीगढ़ और दिल्‍ली की यात्राओं से मुंबई लौटती हैं तो यहां बैठकों और इंटरव्‍यू का सिलसिला चलता है। कुछ कमिटमेंट पूरे होते हैं और कुछ अगली बार के लिए टल जाते हैं। किसी भी फिल्‍म स्‍टार के लिए ऐसा वक्‍त बहुत नाजुक होता है,क्‍योंकि वह एक तरफ आपने नए प्रशंसक बना रहा होता है,लेकिन दूसरी तरफ पुराने समर्थक खो रहा होता है। हीरोइनों के मामले में मामला और संगीन हो जाता है। प्रियंका चोपड़ा अभी इसी दौर से गुजर रही हैं। उन्‍होंने जोया अख्‍तर की ‘ दिल धड़कने दो ’ में आएशा मेहरा की भूमिका निभाई है। इस फिल्‍म में रणवीर सिंह उनके भाई बने हैं। दोनों की पिछली फिल्‍म ‘ गुंडे ’ थी। उसमें वे रोमांस करते नजर आए थे। कहना मुश्किल है कि प्रेमी ’ प्रेमिका के रूप में रणवीर सिंह और प्रियंका चोपड़ा को देख चुके दर्शक भाई-बहन के रूप में उन्‍हें पसंद करेंगे कि नहीं ? शाह रूख खान और ऐश्‍वर्या राय की ‘ जोश ’ को

करना होता है यकीन - श्रद्धा कपूर

Image
-अजय ब्रह्मात्‍मज ‘ एबीसीडी 2 ’ डांस और टैलेंट पर आधारित ‘ एबीसीडी ’ की सीक्‍वल है। फिल्‍म का संदेश है ‘ एनी बॉडी कैन डांस ’ ... पहली फिल्‍म की सफलता के बाद थोड़ पॉपुलर स्‍टारों का लेकर इस फिल्‍म का विस्‍तार किया गया है। इसमें वरूण धवन और श्रद्धा कपूर लीड भूमिकाओं में हैं। फिल्‍म के लिए उन्‍हें डांस की स्‍पंशन ट्रेनिंग भी लेनी पड़ी। पिछले दिनों इस फिल्‍म के एक गाने ‘ ओ साथिया,ओ माहिया,बरसा दे इश्‍क की स्‍याहियां ’ गानें के फिल्‍मांकन पर श्रद्धा ने बातें कीं। फिल्‍म का यह खास गाना श्रद्धा कपूर के किरदार की भावनाओं का जाहिर करता है। - ’ ओ साथिया,ओ माहिया ’ गाने के बारे में क्‍या कहना चाहेंगी ? 0 मुझे यह गाना बहुत पसंद है। सचिन जिगर ने इस गाने में मलोडी दी है। फिल्‍म में यह एक रोमांटिक ट्रैक है। इस गाने में मेरे साथ वरूण धवन भी हैं। मैं अपनी भावनाएं इस गाने में जाहिर करती हूं। फिल्‍म में अच्‍छी तरह समझ में आएगाा कि फिल्‍म में यह गाना क्‍यों रखा गया है ? - इस गाने में आप का डांस रेगुलर फिल्‍मी डांस से अलग हैं ? 0 जी, मुझे लिरिकल हिप हॉप के लिए कहा गया था। आप